कटनी जंक्शन -- रामानुज प्रताप सिंह ने कलेक्टर की जन सुनवाई में पहुंचकर न्याय न मिलने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है। दरअसल मामला ग्राम पंचायत कनवारा के निवासी प्रतिष्ठित सूदखोर व्यवसाई सुहाने का है।
जहां आवेदक ने व्यवसाई के पास विगत 4 वर्ष पूर्व में पीड़ित किसान ने अपनी खेती की जमीन खसरा नंबर 41/1/2 रकवा 4 एकड़ को गिरवी रखा था। आवेदक ने पत्र में उल्लेख करते हुए बताया कि उस दौरान मेरे साथ कनवारा के धनीराम बर्मन निवासी बर्मन मोहल्ला और जिया लाल कुशवाहा निवासी सरकारी अस्पताल के सामने कनवारा मौजूद थे मुझे उसे वक्त 5 लाख रुपए की जरूरत अपने बेटे की पढ़ाई के लिए थी तो मैं साहूकार सुहाने के पास अपनी जमीन गिरवी रखने पहुंचा जहां उसने और उसके पिता ने कहा कि जमीन गिरवी नहीं रखी जाती केवल रजिस्ट्री होती है तुमको पैसे चाहिए तो पूर्ण बिक्री (रजिस्ट्री) करवा दो और जब पैसा ब्याज सहित दोगे तब अपनी जमीन वापिस ले लेना। पिता पुत्र के ऐसा कहने के बाद मैने साहूकार से पांच लाख रुपए 10 प्रतिशत की ब्याज दर से ले लिए थे । जिसकी ब्याज भी मैने उनको समय समय पर लगातार चार वर्षों तक पहुंचाता रहा । फिर भी साहूकार ने कहा कि अगर तुझे अपनी जमीन वापिस लेनी है तो 30 लाख लेकर आओ जब तुम्हारी जमीन वापिस करूंगा। और वह अब मुझे मेरी जमीन वापिस नहीं दे रहा है। साहूकार द्वारा मुझे विगत दिनों डोल उत्सव के बाद अपनी किराना की दुकान पर बुलवाकर 3 लाख बत्तीस हजार रुपए और ब्याज की मांग कर रहा था और मेरे द्वारा नहीं देने पर मुझे जान से मारने की धमकी दी जा रही है । जबकि मेरे पास सूदखोर व्यवसाई द्वारा स्वयं लिखित की कच्ची पर्ची भी है जिसमें सूदखोर साहूकार ने स्वयं अपने हाथों से लिखकर दी है,जो आवेदन के साथ संलग्न है। अनावेदको द्वारा मुझसे ये कहा जा रहा है कि मैने तो तेरी जमीन 6 लाख नब्बे हजार में पूर्ण बिक्री रजिस्ट्री करवा ली है तेरे पास कोई सबूत नहीं है मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा जहां जाना हो जाओ। पीड़ित किसान ने शिकायत के माध्यम से बताया कि मेरी कृषि भूमि जो मेरे पास एक मात्र जीने का सहारा था उसे भी सूदखोर साहूकार ने मुझसे छल कपट करके अपनी पत्नी के नाम ऑनलाइन रजिस्ट्री सन 2021 में करवा ली है जो मेरे साथ न इंसाफी हुई है। मुझे मध्यप्रदेश के कमजोर वर्गों के कृषि भूमि धारकों को उधार देकर भूमि हड़पने संबंध कुचक्रों से परित्राण तथा मुक्ति अधिनियम 1976 के अधिनियम के तहत जबकि में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता हु ,इसलिए मुझ गरीब की जमीन हड़पने वाले साहूकार से मेरी उक्त भूमि वापिस करवाने का कष्ट करें महोदय जी मुझे इंसाफ दिलाया जाए। अगर 15 दिन के अंदर मुझे आपके द्वारा इंसाफ नहीं मिला तो में आपके कार्यालय के सामने आत्मदाह करने मजबूर हो जाऊंगा। देखना यह है कि क्या नवागत कलेक्टर आशीष तिवारी पीड़ित किसान को संभवत न्याय दिला पाएंगे या फिर किसान यूं ही दर-दर भटकने को मजबूर रहेगा।
Manoj Singh Parihar
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