जबलपुर में 8 साल की मासूम से शिक्षक ने किया दुष्कर्म, मामला दर्ज ।

जबलपुर जंक्शन -- मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक सरकारी स्कूल टीचर ने 8 साल की मासूम छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। आरोपी टीचर ने स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्ची को क्लासरूम में बंद कर अपनी हवस का शिकार बनाया। इस घटना ने गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को तार-तार करते हुए बच्चियों की स्कूल में सुरक्षा को लेकर भी एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है और पूरे समाज को शर्मसार कर दिया है। शर्मसार करने का सनसनीखेज मामला बेलखेड़ा थाना क्षेत्र में सामने आया है।

यहां सरकारी स्कूल टीचर घनश्याम ठाकुर ने स्कूल में पढ़ने वाली 8 साल की मासूम बच्ची के साथ उस वक्त दुष्कर्म को अंजाम दिया, जब स्कूल की छुट्टी होने के बाद सभी बच्चे कमरे से बाहर निकलकर घर की ओर रवाना हो गये। तभी आरोपी टीचर ने मासूम बच्ची को क्लासरूम में बंद करके उसके साथ हैवानियत को अंजाम दिया।

डरी-सहमी बच्ची ने मां को बताई आपबीती 

घर पहुंचने के बाद बच्ची अपनी मां से लिपटकर रोने लगी और स्कूल न जाने की बात कहने लगी। मां के पूछने पर बच्ची ने डरे-सहमे स्वर में टीचर की हैवानियत का खुलासा किया। बच्ची ने बताया कि टीचर ने उसे क्लासरूम में बंद कर उसके साथ गलत काम किया। इस घटना से बच्ची गहरे सदमे में है और डरी हुई है। बच्ची के कोमल मन पर इस घिनौनी घटना का इतना गहरा प्रभाव पड़ा है कि वह अब स्कूल जाने से भी डर रही है। उसे बार-बार उस भयानक मंजर के सपने आते हैं और वह रात भर सो नहीं पाती है।

आरोपी टीचर गिरफ्तार, पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज

बच्ची के परिजनों ने तत्काल पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस घिनौनी घटना में कोई और भी शामिल है।

इंसाफ की मांग, कड़ी कार्रवाई की अपील

इस घिनौनी घटना से पूरे समाज में आक्रोश का माहौल है। लोगों ने आरोपी टीचर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और महिला संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है और पीड़िता के लिए न्याय की मांग की है। अब आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग भी की जा रही है।

सवालों के घेरे में बच्चों की सुरक्षा

इस घटना ने स्कूल प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर कर दिया है। स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। यह भी जांच का विषय है कि स्कूल के अन्य स्टाफ की इस घटना में कोई भूमिका तो नहीं है। स्कूल प्रशासन पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे को सामने ला दिया है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा न हो। इसके लिए समाज, सरकार और स्कूलों को मिलकर काम करना होगा। स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जागरूक करना भी जरूरी है।

पीड़िता के लिए न्याय की लड़ाई जारी

पीड़िता और उसके परिवार के लिए न्याय की लड़ाई अभी जारी है। हमें उम्मीद है कि पुलिस और न्यायपालिका इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करेगी और पीड़िता को न्याय दिलाएगी।


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