गेहूं की कालाबाजारी रोकने के लिए शासन ने तय की स्टाक की सीमां ।

कटनी जंक्शन  - उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, नई दिल्ली के आदेशानुसार गेहूं के व्यापार में स्टॉक सीमा लागू कर दी गई है। इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए विशिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसी अपेक्षाओं, स्टॉक सीमा और संचलन प्रतिबंध हटाने (संशोधन) आदेश में बदलाव किया गया है। यह स्टॉक सीमा 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी।

व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और रिटेलर्स के लिए स्टॉक सीमा- इस संबध में जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि व्यापारी या थोक विक्रेता अधिकतम 250 मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण कर सकते हैं जबकि रिटेलरों के प्रत्येक आउटलेट के लिए 4 मीट्रिक टन की सीमा तय की गई है। बड़ी चेन रिटेलरों के लिए भी प्रति आउटलेट 4 मीट्रिक टन की सीमा निर्धारित की गई है, लेकिन उनके सभी आउटलेट और डिपो में स्टॉक की कुल मात्रा आउटलेट की संख्या से 4 गुणा मीट्रिक टन से अधिक नहीं होनी चाहिए।

प्रोसेसर के लिए विशेष प्रावधान

प्रोसेसर के लिए मासिक स्थापित क्षमता के 50 प्रतिशत मात्रा को अप्रैल 2025 तक शेष महीनों से गुणा कर निर्धारित किया जाएगा। इस आदेश के तहत प्रोसेसिंग इकाइयों को अपने स्टॉक की स्थिति स्पष्ट रखनी होगी।

स्टॉक की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य

सभी इकाइयों को भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल https://evegoils.nic.in/wsp/login पर अपने स्टॉक की घोषणा करनी होगी। यदि किसी के पास निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक पाया जाता है, तो अधिसूचना जारी होने की तिथि से 15 दिनों के भीतर उसे स्टॉक सीमा के भीतर लाना अनिवार्य होगा।

व्यापारियों से शासन के निर्देशों का पालन करने की अपील

जिला आपूर्ति अधिकारी ने जिले के सभी गेहूं व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, रिटेलरों, बड़ी चेन रिटेलरों और प्रोसेसर्स से अनुरोध किया गया है कि वे शासन के निर्देशों का पालन करें और अपने धारित स्टॉक को निर्धारित सीमा में रखें, साथ ही तय समयावधि में पोर्टल पर स्टॉक की स्थिति घोषित करें ।

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