कटनी जंक्शन -- कटनी में फर्जी पत्रकारिता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक कथित पत्रकार ने किसान गोलू पटेल से ₹1,00,000 की ठगी कर ली। गोलू पटेल, जो सब्जी भाजी का व्यवसाय और खेती-किसानी करते हैं, ने जब अपनी रकम वापस मांगी, तो कथित पत्रकार ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने ज्यादा सवाल उठाए तो उन पर पत्रकार पर हमले और घर मे घुसकर मार पीट और हत्या की धमकी का मामला दर्ज करवा दिया जाएगा। इतना ही नहीं, उसने यह भी कहा कि यदि वे ज्यादा आवाज उठाएंगे, तो उनकी लाश तक नहीं मिलेगी।
सट्टे का गुनहगार बना पत्रकार
जिस व्यक्ति पर यह आरोप है, वह पहले से ही कटनी में सट्टे का बड़ा नाम रखता है और उसके खिलाफ 25 से अधिक मामले दर्ज हैं।
जिस व्यक्ति पर यह आरोप है, वह पहले से ही कटनी में सट्टे का बड़ा नाम रखता है और उसके खिलाफ 25 से अधिक मामले दर्ज हैं।
संपादक की जिम्मेदारी पर सवाल
पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, लेकिन अगर अपराधी पत्रकार बनकर प्रेस कार्ड की आड़ में ठगी और धमकी देने लगे तो यह पूरे पत्रकारिता जगत के लिए एक गंभीर चुनौती बन जाता है। क्या ऐसे मामलों में संपादकों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि वे पत्रकार बनाने से पहले व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच करें ?
एडवोकेट दीपेंद्र यादव ने बताया कि इस मामले की शिकायत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और जनसंपर्क आयुक्त को की जाएगी। कटनी के वरिष्ठ पत्रकारों और पत्रकार संगठनों से भी यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या पत्रकारिता की आड़ में किसी का पैसा ठगना उचित है? अगर इस पर रोक नहीं लगी, तो आने वाले समय में कटनी में और भी अपराधी पत्रकार बनने का ढोंग कर सकते हैं और कानून को ठेंगा दिखा सकते हैं।
अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन और पत्रकार संगठन इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और पत्रकारिता की गरिमा को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।