कटनी जंक्शन- आपको बता दे कि कटनी जिला उद्योग विभाग में एक खुलासा होने से पूरे विभाग मे हलचल सा माहौल बन गया है। मुख्य सूत्रों की जानकारी के अनुसार पता चला है कि राजेश पटेल नामक बाबू जोकि उद्योग विभाग में पदस्थ है। उन्होंने कुछ वर्ष पूर्ण विकलांगता का प्रमाण पत्र के अनुसार यह सरकारी नौकरी हासिल की है। परंतु उनके ऊपर आरोप लगा हुआ है कि ना तो वह विकलांग है। वह पूर्ण रुप से स्वस्थ है जिसका की सीधा-सीधा उदाहरण है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष दिसंबर में मुख्यमंत्री तीर्थयोजना केअंतर्गत विशेष रेल माध्यम तीर्थ यात्रियों का जत्था रवाना हुआ। जिसमें सभी जिलो के कलेक्टर को आदेशित किया गया था। सभी विभागों से सरकारी कर्मचारी भी तीर्थ योजना में शामिल होंगे। जिसमें कटनीजिला उद्योग विभाग में राजेश पटेल का नाम शामिल हुआ। और वह तीर्थ योजना कराने के लिए विभागीय तौर पर गए हुए थे। परन्तु रेल्वे विभाग के द्वारा विकलांग व्यक्ति को स्वयं एक सहायक की जरूरत होती है। परन्तु विभाग के द्वारा राजेश पटेल के साथ कोई सहायक नहीं भेजना। राजेश पटेल के विकलांगता प्रमाण पत्र पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। इसके अलावा भी इससे ज्यादा और संदेह जनक सवाल निकलकर आ रहा है। जहां परिवहन विभाग के आदेश अनुसार उनके पास में दो पहिया एवं चार पहिया चलाने का लाइसेंस परिवहन विभाग के द्वारा प्रदान किया गया है। और वह वाहन को चलाते हुए भी देखें गए हैं। मजे की बात तो यह है कि अगर आपके पास विकलांग सटिफिकेट है तो यातायात के नियमों को अंनुसार आप वाहन चलाने के लिए अनफिट साबित होंगे परंतु आपके पास वाहन चलाने का लाइसेंस है। तो विकलांग प्रमाण पत्र कैसे बनाकर सरकारी विभाग में बाबू जैसे पद नौकरी को प्राप्त करके विभाग के ऊपर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। देखने की बात किया है कि प्रशासन इस विषय पर कितना ध्यान देता है। कि कागजो कि हेरा फेरी करते हुए मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा।
मनोज सिंह परिहार
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