कटनी जंक्शन -- कटनी में खनन कंपनियों द्वारा मजदूरों का शोषण और अवैध ब्लास्टिंग एक गंभीर मुद्दा बन गया है। विजयराघवगढ़ थाना क्षेत्र बिस्तरा और आसपास की खदानों में काम करने वाले मजदूरों को न तो पंजीयन कार्ड दिया जा रहा है और न ही उन्हें कोई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा, लाइम स्टोन खदान कंपनियां अवैध ब्लास्टिंग कर रही हैं, जिससे आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मकानों में दरारें आ रही हैं।मीडिया ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे कंपनियों के हौसले बुलंद हो गए हैं।
मजदूरों की स्थिति
मजदूरों की स्थिति बहुत खराब है,उन्हें अपने अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्हें न तो उचित मजदूरी मिल रही है और न ही कोई सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं। इससे उनके जीवन और स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
ऐतिहासिक कैमोर पहाड़ी पर भी प्रभाव
अवैध ब्लास्टिंग के कारण देश की ऐतिहासिक कैमूर पहाड़ी से वन्य जीव जंतु भी पलायन कर चुके हैं। इसके बावजूद वन विभाग और खनिज विभाग ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही
जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण कंपनियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। उन्हें लगता है कि वे बिना किसी परिणाम के मजदूरों का शोषण और अवैध ब्लास्टिंग कर सकते हैं।
आवश्यक कार्यवाही
कटनी में खान कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें उचित सुविधाएं प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। साथ ही, अवैध ब्लास्टिंग पर रोक लगाने और जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने की जरूरत है ।
Manoj Singh Parihar ✍️ ✍️
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