कटनी जंक्शन -- जिले में कस्टम मिलिंग चावल घोटाले ने एक बार फिर प्रशासनिक और नागरिक आपूर्ति निगम (नान) की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला एवं सत्र न्यायालय, कटनी ने इस मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए तत्कालीन नान अधिकारी के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। यह अधिकारी पहले भी भ्रष्टाचार के कई मामलों में संलिप्त पाया गया था, जिसके चलते इस घोटाले को "भ्रष्टाचार का पार्ट-2" कहा जा रहा है।
घोटाले का खुलासा: राय वेयर हाउस में अनियमितताएं
कटनी के बड़वारा क्षेत्र में स्थित राय वेयर हाउस में कस्टम मिलिंग राइस (CMR) के नाम पर बड़े पैमाने पर हेराफेरी का मामला सामने आया है। स्थानीय व्यवसायी अमर पंजवानी ने जिला प्रबंधक देवेंद्र तिवारी और अन्य अधिकारियों पर मिलीभगत के जरिए चावल की हेराफेरी का आरोप लगाया था। शिकायत के आधार पर भोपाल से आई तीन सदस्यीय जांच टीम ने राय वेयर हाउस का निरीक्षण किया, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में पाया गया कि तीन लॉट चावल के बजाय केवल एक लॉट ही मौजूद था, जिससे जिला प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों की सांठगांठ की शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाई गई।जांच रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध संचालक ने कटनी में पदस्थ कनिष्ठ सहायक भगवान दीन को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही, जिला न्यायालय ने इस मामले में कठोर कार्रवाई के लिए तत्कालीन नान अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया।
भ्रष्टाचार का पुराना इतिहास
यह पहला मौका नहीं है जब कटनी में नान अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों। इससे पहले भी 2022 में 8 करोड़ रुपये से अधिक के धान खरीदी घोटाले में 6 राइस मिलर्स और 15 सहकारी समितियों के कर्मचारियों पर FIR दर्ज की गई थी। इसके अलावा, 27,263.88 क्विंटल खराब चावल को कटनी से शिवपुरी भेजने का मामला भी सामने आया था, जिसमें नान निरीक्षकों की लापरवाही और मिलर्स के साथ सांठगांठ उजागर हुई थी। इस मामले में 14 मिलर्स पर 54 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई गई थी।जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि यह तत्कालीन नान अधिकारी पहले भी कई भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त रहा है। उसका नाम छत्तीसगढ़ के कुख्यात नान घोटाले में भी सामने आया था, जहां निम्न गुणवत्ता वाले चावल और नमक की आपूर्ति में अनियमितताएं पाई गई थीं।
जिला न्यायालय का सख्त रुख
जिला एवं सत्र न्यायालय, कटनी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोषी अधिकारियों और मिलर्स के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। न्यायालय ने नान अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज करने के साथ ही जांच को और गहरा करने का आदेश दिया है। स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि इस तरह की अनियमितताएं भविष्य में न हों।
प्रशासन की कार्रवाई और पारदर्शिता की मांग
कटनी कलेक्टर ने भी इस मामले में सख्ती दिखाई है। पहले से ही फोर्टीफाइड राइस वितरण में लापरवाही के लिए जिला प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके अलावा, जय जगदम्बे दाल मिल के संचालक अमर पंजवानी ने विपणन वर्ष 2023-24 में चावल जमा करने में गड़बड़ी की शिकायत की थी, जिसमें लॉट नंबर 7, 6 और 9 के साथ बुक नंबर और CDO नंबर का उल्लेख कर अनियमितताओं के सबूत पेश किए गए थे।स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घोटाले को गरीबों के राशन से खिलवाड़ करार दिया है। उनका कहना है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में इस तरह की गड़बड़ियां गरीबों के हक को छीन रही हैं। प्रशासन से मांग की जा रही है कि जांच को पारदर्शी बनाया जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
सरकार की नई नीति: पंजाब मॉडल की ओर कदम
मध्य प्रदेश सरकार ने चावल घोटालों से सबक लेते हुए कस्टम मिलिंग की नीति में बदलाव किया है। अब पंजाब मॉडल के तहत धान खरीद और मिलिंग का काम एक साथ होगा, ताकि भंडारण के दौरान होने वाली गड़बड़ियों को रोका जा सके। खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि इस बार 40 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य है, और मिलिंग के बाद चावल सीधे सेंट्रल पूल में भेजा जाएगा।
Ashish Tiwari
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