कटनी जंक्शन -- बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ी को पुलिस या परिवहन विभाग के अधिकारी पकड़ सकते हैं. ऐसे में गाड़ी के मालिक पर जुर्माना लगाया जा सकता है और गाड़ी को जब्त भी किया जा सकता है. लेकिन जब वह गाड़ी ही कार्यपालिक मजिस्ट्रेट अर्थात तहसील की हो तो कौन बोलेगा ??
ऐसा ही एक माजरा आज-कल कटनी में दिख रहा है, अक्सर विवादो में रहने वाले कटनी के कार्यपालिक मजिस्ट्रेट और तहसीलदार बी.के. मिश्रा जिस नये वाहन पर चल रहे हैं उस पर नंबर प्लेट की जगह तहसीलदार की चमचमाती प्लेट लगी है जो रास्ते में चलने पर तहसीलदार के रसूख को दिखाती है, ड्राईवर से इस बावत जानकारी लेने पर उसने बताया कि, आरटीओ से नंबर अभी जारी नहीं हुआ है, यदि ड्राईवर की बात सच माने तो क्या बिना नंबर की गाड़ी पर चलना नियम का उल्लंघन नहीं है ? तहसीलदार मिश्रा को यह भी बताना चाहिए कि किस नियम के तहत बिना नंबर की गाड़ी में वे चल रहे हैं ?
एक बड़ा सवाल यह भी है कि, यदि तहसीलदार के वाहन से कोई दुर्घटना हो जाती है तो बिना नंबर के वाहन को कैसे पहचाना जा सकेगा ।
500 से 5000 तक का जुर्माना
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार सभी दो पहिया और 4 पहिया वाहनों में आगे और पीछे वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर होना अनिवार्य है, ऐसा नहीं होने पर वाहन स्वामी पर 500 से लेकर 5000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, ऐसे लेकर सभी थानों और परिवहन विभाग को जुर्माना वसूलने का अधिकार प्राप्त है, देखते हैं कि अब तहसीलदार के वाहन पर जुर्माना कौन वसूलता है ?