12 लाख तक की कमाई पर टैक्स नहीं तो फिर 4-8 लाख पर 5% टैक्स क्यों?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को बजट में पेश सालाना आम बजट में मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. उनकी घोषणा के अनुसार, अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि, नए इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार, 0-4 लाख रुपये की कमाई पर 0% टैक्स, 4-8 लाख रुपये पर 5% टैक्स और 8-12 लाख रुपये पर 10% टैक्स निर्धारित किया गया है. आधा भारत के लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि जब 12 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री है, तो 4-8 लाख रुपये की आय पर 5% कर क्यों लगाया गया है? इस कारण लोगों को समझ में नहीं आ रहा है. आइए, जानते हैं कि सरकार ने ऐसा क्यों किया?

इनकम टैक्स स्लैब और टैक्स का कैलकुलेशन

सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए नई दरें लागू की हैं.

  • 0-4 लाख रुपये: कोई टैक्स नहीं
  • 4-8 लाख रुपये: 5% टैक्स
  • 8-12 लाख रुपये: 10% टैक्स
  • 12-16 लाख रुपये: 15% टैक्स
  • 16-20 लाख रुपये: 20% टैक्स
  • 20-24 लाख रुपये: 25% टैक्स
  • 24 लाख रुपये से अधिक: 30% कर

समझने वाली बात यह है कि इन टैक्स स्लैब्स के अनुसार, प्रत्येक आय वर्ग पर निर्धारित कर दर लागू होती है. उदाहरण के लिए मान लीजिए कि अगर किसी व्यक्ति की सालाना कमाई 10 लाख रुपये है, तो टैक्स का कैलकुलेशन कुछ इस प्रकार होगा.

  • 0-4 लाख रुपये: कोई टैक्स नहीं
  • 4-8 लाख रुपये: 4 लाख रुपये पर 5% = 20,000 रुपये
  • 8-10 लाख रुपये: 2 लाख रुपये पर 10% = 20,000 रुपये
  • कुल कर देय: 20,000 + 20,000 = 40,000 रुपये ।

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