कटनी जंक्शन -- कटनी नगर निगम में वार्ड क्रमांक 5 में एक बस्ती है, कुशवाहा नगर, जो लगभग 100 वर्षों से अस्तित्व में है और लगभग 50 वर्षों से नगर पालिका की सीमां में है, 30 वर्षों से नगर निगम की सीमा पर है, दशकों से इस बस्ती में फूलमाला का व्यापार करने वाले कुशवाहा और निषाद निवास करते हैं, अब तो यह बस्ती सड़क से लेकर कटनी नदी के अंतिम छोर तक बस गई है, लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि लगभग 500 लोगों की इस बस्ती में आज दिनांक तक ना ही सड़क बनी है, ना ही नारी का कभी कोई काम हुआ है और ना ही पानी की पाईप लाईन बनी है, जबकि इसी बस्ती के बाद बनी हुई कुशवाहा नगर से लगे चंडिका नगर में जगह-जगह सड़क, नाली, पानी की व्यवस्था कर दी गई है ।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि चंडिका नगर में बड़े और सक्षम लोग रहते हैं इसीलिए वहां तक सरकार, सरकार के लोग और सुख सुविधाएं पहुंचती हैं, जबकि चंडिका नगर के बाद जैसे ही कुशवाहा नगर की बस्ती चालू होती है वैसे ही सरकार और उनकी सुविधाएं पहुंचना बंद कर देती हैं । इस बात को बल तब भी मिलता है , जब चंडिका नगर तक पक्की सड़क निर्माण दिखता है और उसके बाद कच्ची पैदल तक ना चल पाने की स्थिति की सड़क ।
स्थानीय नागरिकों से जब यहां की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधि की बात की गई तो लोगों ने बताया कि, कच्ची सड़क पर आए दिन लोग खुद ही नाली साफ करते आसानी से दिख जाते हैं, हर दूसरे चौथे दिन नाली को लेकर लड़ाई झगड़े होते हैं, लेकिन नगर निगम से 3 किलोमीटर की दूरी पर इस कुशवाहा नगर में आज तक किसी महापौर की नजर नहीं पड़ती, वर्तमान महापौर प्रीति सूरी 2 बार कुशवाहा नगर आई हैं, पहली बार तब जब उन्हें वोट चाहिए था और दूसरी बार तब जब भाजपा से जुड़ने के लिए अभियान चला था ।
जब जब चुनाव आते हैं तब ही इस इलाके पर सरकार के नुमाइंदे पर्चा लिए घूमते दिखाई देते हैं, चुनाव खत्म होते ही सब खुद में मशगूल होकर भूल जाते हैं। कम आय वाले गरीब और पिछड़े लोग आखिर अपनी पीड़ा बताए कैसे ??
आशीष तिवारी ✍️✍️
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