कटनी जंक्शन -- जिले में वर्तमान में दो लाख से अधिक वाहन स्वामी है। शासन स्तर से सड़़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए लगातार सड़़क सुरक्षा माह व सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद भी जिले के वाहन स्वामी यातायात नियमों से बेखबर हैं। पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के खूब पेट्रोल लेने के साथ फर्राटा भर रहे हैं। हेलमेट चैकिंग अभियान में कटनी में कैसी हेलमेट चैकिंग होती है, यह सर्वविदित है, साथ ही कई बार हेलमेट को लेकर जिला कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक पेट्रोल पंपों में बिना हेलमेट पेट्रोल ना देने की हिदायत भी दी गई पर आज तक कटनी में हेलमेट अनिवार्य नहीं हुआ ।
दिन भर नियमों की उड़ती हैं धज्जियां
वैसे तो कटनी में 4 से 6 जगह पुलिस चैकिंग लगाकर प्रतिदिन वाहनों के दस्तावेज, हेल्मेट, सीट बेल्ट, ओवर लोडिंग चैक करती है लेकिन पुलिस की दिलचस्पी बगैर हेल्मेट वाले लोगों पर होती ही नहीं है, बल्कि आमतौर पर पुलिस के चैकिंग अभियान में आटो वाले, दूध वाले, मजदूरी करने वाले, प्राईवेट माल ढोने वाले चालक अधिक होते हैं, क्योंकि ये लोग चलान कटवाने में ज्यादा जान-पहचान-पहुंच नहीं बताते हैं, जबकि नियमों की धज्जियां उड़ाते बुलेट से पटाखे की आवाज निकालते और शहरी लोगों को पुलिस जानबूझकर ना ही रोकती है और ना ही ही चालानी कार्रवाई करती है। बस इसी तरह दिन भर सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ती हैं ।
पुलिसकर्मी और शासकीय कर्मचारियों को भी हेलमेट से परेशानी
हेलमेट को दो पहिया वाहन चालकों के लिए जान बचाने के लिए अहम माना जाता है, लेकिन लोगों को जागरूक करने वाली पुलिस और शासन के अधीन काम करने वाले अधिकारी भी आमतौर पर हेलमेट नहीं पहनते हैं, जिसके कारण आम नागरिकों को भी हेलमेट पहनने की जरूरत समझ नहीं आती है। जिले में 1% वाहन चालक भी हेलमेट नहीं पहनता है, और जो पहनता भी है वह सबको हेलमेट ना पहनें देखकर खुद भी उतार कर घरों में सजा लेता है ।
इनका कहना है --
हेलमेट के लिए पुलिस द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा है, जैसे-जैसे लोग जागरुक होंगे, वैसे-वैसे हेलमेट पहनने वालों की संख्या बढ़ेगी - संतोष डेहरिया, उप पुलिस अधीक्षक कटनी