बड़े शहर कालोनाइजरों और अवैध कालोनियों पर सख्त, नगर निगम कटनी सुस्त

अवैध कालोनियों की परेशानी कोई नई नहीं है, वर्षों से देश प्रदेश के हर जिले के गांव शहर में अवैध कालोनियों का खेल चल रहा है, इस पर दलाल कमाकर निकल जाता है और फंस जाता है प्लांट को खरीदने वाला, वह सालों तक सड़क, नाली, पानी और बिजली जैसी समस्याओं से जूझता रहता है। इस पर लगाम लगाने के लिए हर जिले के कलेक्टर अपने हिसाब से प्रयास करते हैं, ताकि यह खेल विनाश की तरह आगे ना बढ़े लेकिन कटनी जिले में यह अवैध प्लाटिंग का धंधा बहुत फलता फूलता है, यहां पर ना ही नगर निगम को फ़िक्र है ना ही कलेक्टर महोदय को । प्रशासन की नाक के नीचे अवैध कालोनाईजर लगातार बिना किसी लाईसेंस के प्लाट को बेचते खरीदते हैं अपनी रकम दो गुनी करते हैं, नागरिकों को फंसा देते हैं लेकिन उन पर कार्यवाही होती ही नहीं है ।





चाका बाईपास और कैलवारा खुर्द बना केन्द्र 

वैसे तो अवैध प्लाटिंग ने पूरे जिले को ही चपेट में लिया है, जहां की हर रोज रजिस्ट्री हो रही है, लेकिन इस समय अवैध प्लाटिंग का सबसे बड़ा केंद्र चाका बाईपास से लेकर ट्रांसपोर्ट नगर तक और कैलवारा खुर्द और उससे लगा संत सूफी नगर है । यहां पर जमीन की खरीद फरोख्त और प्लाटिंग तेजी से चल रही है पर रोकने वाला कोई नहीं।

इंदौर में हुई FIR

कुछ दिन पूर्व इंदौर में 11 अवैध कालोनाईजर के खिलाफ इंदौर कलेक्टर ने जांच कर एफ आईआर करने के निर्देश दिए हैं, जिससे इंदौर में अवैध कालोनियों पर रोक लगाने पर काफी मदद मिली है । कटनी में भी पिछले वर्ष एक छोटे अवैध कालोनाईजर पर बरही में एफआईआर की गई थी, लेकिन शहर के मामले में कार्यवाही शून्य के करीब है।



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