सीवर लाईन से नागरिक परेशान, पूंछ रहे बीरबल की खिचड़ी पहले बनेगी या सीवर लाईन?

कटनी जंक्शन -- नगर निगम के अफसरों और ठेकेदारों के गठजोड़ के चलते केंद्र सरकारी की महत्वाकांक्षी योजना अमृत प्रोजेक्ट के तहत शहर में डाली जाने वाली सीवर लाइन का जमकर बंटाधार किया जा रहा है। 2017 से योजना पर काम चल रहा है। दो साल में काम पूरा हो जाना था, लेकिन 8 साल बाद भी अधूरा है। अफसरों की दरियादिली के कारण पहले केके स्पन कंपनी और अब जयंती सुपर कंपनी द्वारा मनमानी की जा रही है, पहले ठेके की मियाद 2020 में तो दूसरी कंपनी के दीए गए ठेके की मियाद सितंबर 2024 में पूरी हो गई है, लेकिन काम मात्र 60 फीसदी ही हो पाया है। लापरवाही पर न तो ठेकेदार पर कोई कार्रवाई की जा रही है और ना ही पीडीएमसी एजेंसी व नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ ।


जानकारी के अनुसार नगर निगम द्वारा सीवरेज लाइन का काम गुजरात की कंपनी जयंती सुपर को काम दिया गया। कंपनी को यह काम 21 मार्च 2023 को दिया गया। 96 करोड़ 50 लाख से 20 सितंबर 24 को पूरा करना था । केके स्पन कंपनी की तर्ज पर जयंती सुपर कंपनी ने भी केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का बंटाधार कर दिया है। अधिकारियों का तर्क है कि बारिश के चलते काम प्रभावित हुआ जिसके कारण प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया । अभी भी 40% काम पड़ा हुआ है, सीवर लाईन डालने वाली कंपनी आधा काम करके गढ्ढे खुले छोड़ दें रही है, जिससे दुर्घटनाओं का भी अंदेशा लगा रहा है, वर्तमान में कटनी के माधवनगर एरिया में लोग सीवर के गढ्ढों से पूरे दिन परेशान दिख रहे हैं। कटनी के जगन्नाथ चौक में भी सीवर के गड्ढों को ठीक से भरा नहीं गया, जिससे वाहन चालक सावधानीपूर्वक निकल रहे हैं।

स्थानीय नागरिक तो अब सवाल करने लगे कि सीवर लाईन का फायदा उनको मिलेगा भी या नहीं?? बीरबल की खिचड़ी वाली सुनाते बहुत लोग नज़र आ जाते हैं, सही मायने में जिले के अधिकारी, ठेका कंपनियों पर तेजी से काम करने के लिए पर्याप्त दबाव नहीं डाल पाते है, शायद यही कारण है कि कटनी के अधिकांश प्रोजक्ट दशकों तक मूल रुप ले पाते हैं। 

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form