प्रयागराज जंक्शन --
प्रयागराज महाकुंभ में किन्नर अखाड़े ने बड़ा एक्शन लिया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। बताया जा रहा है कि सिर न मुंडाने पर एक्शन लिया गया है।
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। क्योंकि उन्होंने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया था।
क्या बोले ऋषि अजय दास
ऋषि अजय दास ने कहा, अब नए सिरे से अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर के नाम का एलान होगा। बता दें कि बीते शुक्रवार यानी 24 जनवरी को किन्नर अखाड़ा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महामंडलेश्वर के रूप में ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक किया गया था। अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की पहल पर ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया गया था।
इसके बाद से संत समाज का एक वर्ग नाराज था। कई संतों ने ममता के महामंडलेश्वर बनने पर आपत्ति जताई है। शंकराचार्य अवमुक्बातेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि, हमें किसी व्यक्ति के वैराग्य धारण किए जाने कर शिकायत नहीं है, बल्कि शिकायत उनके वैराग्य धारण करने के तरीके में है, वैराग्य के लिए ममता कुलकर्णी को सबसे पहले सन्यासी की दीक्षा दी जानी थी, कोई भी व्यक्ति जब तक संन्यासी बनकर अपने गुरु की सेवा नहीं करता तब तक उसे मंडलेश्वर नहीं बनाया जा सकता, शास्त्र और विधि विरुद्ध किया गया पट्टाभिषेक मान्यता प्राप्त नहीं है । इसी संबंध में रामदेव ने तो यहां तक कह दिया कि हर किसी को महामंडलेश्वर बना दे रहे हैं। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने भी इसे गलत बताते हुए कहा था, आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अखाड़े में मनमानी कर रहे हैं।
आशीष तिवारी