तो क्या वीडी शर्मा होंगे प्रदेश के अगले आडवाणी ?? भाजपा संगठन में प्रदेशाध्यक्ष को लेकर चिंतन !

भोपाल जंक्शन --


लंबी जद्दोजहद और खींचतान के बाद बीजेपी ने 9 चरणों में 55 जिलों के 62 अध्यक्षों(ग्रामीण व शहरी) के नाम घोषित किए हैं। इसकी शुरुआत 12 जनवरी से हुई। 62 में से 24 जिला अध्यक्ष ब्राह्मण और वैश्य समुदाय के हैं। 25 ओबीसी चेहरों को मौका दिया गया है। इसके अलावा 7 महिलाओं को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही दिग्गज नेताओं के खासों के लिए नियमों को भी शिथिल किया गया है। हालांकि अभी तक बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए तारीख की घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है।



कौन से दिग्गज है रेस में??

मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल पूरा हो चुका है। वीडी शर्मा को एक्सटेंशन दिया गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी वीडी शर्मा को रिपीट नहीं करेगी। हालांकि अंतिम फैसला पार्टी हाई कमान को करना है, यदि पार्टी वीडी शर्मा को प्रदेशाध्यक्ष रिपीट नहीं करती तो वीडी शर्मा भी प्रदेश के आडवाणी और शिवराज की तरह भीष्म पितामह की भूमिका पर जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे हैं। राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के साथ दुर्गादास उइके का भी नाम शामिल है। हालांकि दुर्गादास उइके मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं इसलिए उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने की संभावना कम ही है। सुमेर सिंह सोलंकी लो प्रोफाइल नेता हैं और आरएसएस बैकग्राउंड से आते हैं।



आदिवासी वर्ग को साधा तो कौन होगा

अगर पार्टी आदिवासी चेहरे पर दांव लगाती है तो मंडला लोकसभा सीट से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम सबसे आगे हैं। वह केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इस बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है। ऐसे में माना सकता है कि वह रेस में शामिल हैं।

सवर्ण में कौन

सवर्ण नामों में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव और अरविंद भदौरिया मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा विधानसभा का चुनाव हार गए हैं। इसके बाद उनके लोकसभा और राज्यसभा लड़ने की अटकलें थीं लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उन्हें न्यू ज्वाइनिंग टोली के मुखिया बनाया था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया जिस कारण से उनको इनाम मिल सकता है। इसके साथ ही गोपाल भार्गव लगातार की बार से विधायक हैं, प्रदेश कार्यकारिणी में अच्छी पकड़ भी रखते हैं । इनाम के हकदार भार्गव भी है।



जातिगत समीकरण हो सकता है टर्निंग प्वाइंट

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने जातिगत समीकरण का संतुलन बनाया है। सीएम मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं। वहीं, ओबीसी वर्ग के दूसरे बड़े नेता शिवराज सिंह चौहान केंद्र में मंत्री हैं। सवर्ण समाज से राजेन्द्र शुक्ला डेप्युटी सीएम हैं। वहीं, आदिवासी वर्ग से जगदीश देवड़ा डेप्युटी सीएम हैं। वीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में बीजेपी जातिगत समीकरण को साध सकती है।

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