प्रयागराज जंक्शन --
महाकुंभ में एक बार नहीं, बल्कि दो बार भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई थी. दूसरे भगदड़ में एक बच्चे सहित कम से कम सात लोगों की मौत हो गई. अंग्रेजी वेबासइट हिंदुस्तान टाइम्स ने यह खबर प्रकाशित की है. कल्पवासी पुलिस थाने के क्षेत्राधिकारी रुद्र कुमार सिंह के अनुसार, महाकुंभ में संगम के मुहाने पर भगदड़ में लगभग 30 लोगों की मौत के कुछ घंटों बाद, एक बार फिर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. इसमें एक बच्चे सहित कम से कम सात लोगों की मौत हो गई. सिंह ने बताया कि यह घटना संगम तट से करीब तीन किलोमीटर दूर झूसी घाट पर हुई. सर्कल ऑफिसर ने बताया, ”अत्यधिक भीड़ के दबाव के कारण झूसी में घटनास्थल पर सात लोग मृत पाए गए.”
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुधवार सुबह करीब 6 बजे सेक्टर 18 के नजदीकी घाट से स्नान कर लौट रहे श्रद्धालु मेले से बाहर निकलने के लिए झूसी की ओर बढ़ रहे थे. ठीक इसी वक्त उनका रास्ता विपरीत दिशा से जा रहे श्रद्धालुओं के एक अन्य ग्रुप से मिल गया. घंटों तक भीड़ बढ़ती रही, क्योंकि दो दिशाओं से लोग आमने-सामने आ गए. इसके बाद भगदड़ मच गई. भगदड़ जब शांत हुई तब वहां हजारों बैग, पर्स, कपड़े, जूते, चप्पल और लोगों का सामान पड़ा हुआ था, जिसे मेला प्रशासन ने जेसीबी से उठाकर कचरे में फेंक दिया।
प्रयागराज में आस-पास के सभी जिलों से आने वाले वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. इन्हें प्रयागराज शहर के बाहर ही रोकने का प्रबंध किया गया है. 4 फरवरी तक शहर के अंदर चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर भी पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं. सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात एक अधिकारी ने बताया, ”हमें बताया गया है कि वीवीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं. इसका मतलब है कि अब स्पेशल पास से वाहन प्रवेश नहीं कर सकेंगे. लोगों की सुगम आवाजाही के लिए वन-वे रूट शुरू किए गए हैं. इसके अलावा, जिले की सीमाओं पर वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है.” ।